Friday, May 9, 2008

नीम:आरोग्य का खजाना

नीम अत्यन्त उपयोगी वृक्ष है। यह जड़ से लेकर फूल-पत्ती,तने और फल तक सभी औषधीय गुणों से परिपूर्ण वृक्ष है.आइये जाने कि किस प्रकार नीम के सभी अंग हमें लाभ पहुँचाते हैं:-
जड़ - नीम की जड़ को पानी में उबालकर पीने से बुखार दूर हो जाता है।
छाल-नीम की छाल पानी में घिसकर फोड़े-फुंसियों पर लगाने से वे ठीक हो जाते हैं।छाल को जलाकर उसकी राख में तुलसी के पत्तों का रस मिलाकर लगाने से दाग तथा अन्य चर्म रोग ठीकहोते हैं।इसमें दोगुना पिसा सेंधा नमक मिलाकर मंजन करने से पायरिया,दांत-दाढ़ का दर्द आदि दूर हो जाता है.
पत्तियां-नीम की कोमल नई कोपलों को दस-पन्द्रह दिन तक रोज चबाकर खाने से रक्त शुद्ध होता है।फोड़े-फुंसी आदि चर्म विकार नहीं होते.
दातुन-इससे मसुडे मजबूत बनते हैं तथा मुंह से दुर्गंध आना बंद हो जाता है।
फूल-नीम का फूल तथा निबोरियाँ खाने से पेट के रोग नहीं होते।
निबोरियाँ-निबोरी नीम का फल होता है.इससे तेल निकला जाता है.आग से जले घाव में इसका तेल लगाने से घाव बहुत जल्दी भर जाता है.

No comments:

Post a Comment

Google