Friday, December 13, 2013

एस.एम.एस. का नशा खतरनाक :-


एस.एम.एस. का नशा खतरनाक :- 
                                           इंदौर के एक मेडिकल कॉलेज ने अपने एक सर्वेक्षण के माध्यम से आगाह किया है कि एस.एम.एस. का नशा मानसिक शांति और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। जहां इससे क्रोध बढ़ता है वहीं बेचैनी और नींद नहीं आने की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है।                                       यह सर्वेक्षण 150 युवाओं पर किया गया, जिनकी उम्र 18 से 25 वर्ष के बीच रही। इससे नतीजा यह आया कि हमेशा एस.एम.एस. का प्रयोग करने वाले युवाओं में डिप्रेशन और डर की भावना उत्पन्न हो रही है। इस सर्वे में 47% युवतियों व 39% युवकों ने माना कि मोबाइल फ़ोन के मैसेज के द्वारा हर समय अपने दोस्तों के संपर्क में रहने से उनकी दिनचर्या में गड़बड़ी आती है।                                       60% युवाओं ने माना कि इसके कारण उनकी पढ़ाई का भी नुकसान होता है। 40% युवतियों और 45% युवकों ने कहा कि वे अनिद्रा के शिकार हैं।लगभग 55% युवा अपने मैसेज का उत्तर नहीं मिलने से नाराज हो जाते हैं, वहीं 32% सोचने लगते हैं कि कोई भी उनके संपर्क में रहना पसंद नहीं करते।

Monday, December 9, 2013

सर्दियों में बचें सर्दी-जुकाम से...


सर्दियों में बचें सर्दी-जुकाम से... 
         
                              यूं तो सर्दियों का मौसम सेहत बनाने का होता है, लेकिन सेहत के प्रति लापरवाही रोग आमंत्रित करने में देर नहीं लगाती। इस मौसम में ज्यादातर होने वाला रोग है सर्दी- जुकाम। सामान्यत: यह कोई बड़ा रोग नहीं है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना कभी कभी घातक सिद्ध हो सकता है। आइये जानें सर्दी- जुकाम व इससे जुड़ी कुछ बातों को-
लक्षण:-           

         सर्दी- जुकाम के लक्षण सामान्य हैं। सर्दी होने के पहले बार-बार पानी पीने की इच्छा होना, गला सूखना गले में खराश, सिर भारी होना, छींक आना, नाक में खुजली होना।
सर्दी होने के कारण :-                            

                                     मुख्यत: सर्दी-जुकाम या नजला वायरस द्वारा फैलाया जाने वाला संक्रमण है,जो श्वसन प्रणाली के अगले हिस्से पर आक्रमण करता है। हमारी नाक और गले में एक अंदरूनी परत प्रतिरोधी कवच कहलाती है। जब हमें सर्दी होती है तो इसका मतलब है कि विषाणुओं ने इस प्रतिरोधी कवच को भेदकर भीतरी कोशिकाओं पर आक्रमण कर दिया है। श्लेष्मा युक्त परत में सूजन आने से श्वसन मार्ग अवरूद्ध हो जाता है और नाक से सांस लेने में कठिनाई होती है। श्लेष्मा (नाक से बहने वाला पानी) उत्पन्न करने वाली कोशिकाएं अधिक मात्रा में स्राव करती है जो नाक द्वारा बाहर बहने लगता है। घ्रानेंद्री भी रोगग्रस्त हो जाती है, इसलिए सुगंध या दुर्गन्ध भी महसूस नहीं होती।
कैसे फैलती है सर्दी :-                            आम धारणा है कि रोगग्रस्त व्यक्ति की छींक या उसकी नाक से निकले पानी द्वारा सर्दी एक से दूसरे में फैलती है यह काफी हद तक सही है, लेकिन हाथों से हाथों का संपर्क भी इस रोग के प्रसार में प्रमुख भूमिका निभाता है। रोगी से हाथ मिलाने या उसकी स्पर्श की हुई वस्तुओं को छूने से विषाणु हमारे हाथ पर आ जाते हैं और जब हम नाक या आंख को स्पर्श करते हैं तो वे हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
बचाव एवं उपचार :- 

-- सर्दी से पीड़ित व्यक्ति के रुमाल,नेपकिन, टॉवेल आदि अलग रखें और अलग से धोएं।
-- यथासंभव गर्म पदार्थों का सेवन करें।
-- सर्दी की अधिकता में चिकित्सक के परामर्श से एंटीबायोटिक दवाएं लें।
-- खांसी,बंद नाक और बदन दर्द के लिए अलग से दवाएं ले सकते हैं।
-- सर्दी अधिक हो तो घर पर ही आराम करें।
-- जुकाम में यदि तीन दिन से ज्यादा बुखार बना रहे तो डॉक्टर को अवश्य दिखाएं। यह निमोनिया या सायनस संक्रमण भी हो सकता है।
-- गर्म पानी में कोल्ड रब डालकर भाप लें, इससे बंद नाक खुलेगी और सिर का भारीपन भी कम होगा।
-- सर्दी में घरेलू इलाज भी काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए तुलसी के पत्ते,
काली मिर्च, लौंग, अदरक का काढ़ा बनाकर पीना असरकारक होता है।



Sunday, December 1, 2013

विश्व एड्स दिवस विशेष ( 1दिसम्बर 2013 ) :- एच.आई.वी. HIV संक्रमण से कैसे बचें ?


एच.आई.वी. HIV संक्रमण से कैसे बचें ?

-- एक ही यौन साथी के साथ वफादार रहें।
-- प्रत्येक यौन संबंध के समय हर बार नये कंडोम का इस्तेमाल करें।
-- नई सुई या सिरिंज का ही इस्तेमाल करें।
-- पंजीकृत ब्लड बैंक से ही रक्त लें व दें।
-- प्रत्येक गर्भवती माता को एच.आई.वी. की जाँच कराएँ।

यौन रोग -:
                यौन रोग मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंध बनाने से फैलते हैं। प्रत्येक यौन सम्बन्ध के समय हर बार नये कंडोम का इस्तेमाल करने से यौन रोगों से बचा जा सकता है।

यौन रोग के लक्षण - :

-- पेट के निचले हिस्से में दर्द।
-- योनि,लिंग या गुदा से स्राव निकलना।
-- गुप्तांगों से या उसके आसपास फोड़े या छाले।
-- योनि या लिंग के पास सूजन।

ध्यान दें- यौन रोग एच.आई.वी. संक्रमण की आशंका को 5 से 10 गुना तक बढ़ा देता है।
यौन रोग को अनदेखा न करें, उसके लिए प्रशिक्षित डॉक्टर से पूरा इलाज करवाएं।

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