शरीर का कोई अंग यदि किसी दबाव में ज्यादा समय तक रहता है,तो वह सुन्न हो जाता है.वस्तुतः यह दबाव हाथ या पैर की नसों पर पड़ता है, ये नसें कई एक कोशीय फाइबर से बनी होती है. प्रत्येक एक कोशीय फाइबर अलग-अलग संवेदनाओं को मस्तिष्क तक पहुँचाने का कार्य करता है.इन फाइबरों की मोटाई भी कम-ज्यादा होती है.इसका कारण माइलिन नामक श्वेत रंग के पदार्थ द्वारा बनाई गई झिल्ली है.इन पर दबाव पड़ने से मस्तिस्क तक नसों द्वारा पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन और रक्त का संचरण नहीं हो पता है. मस्तिष्क तक उस अंग के बारे में पहुंचने वाली जानकारी रक्त और आक्सीजन के अभाव में अवरूद्ध हो जाती है.इस कारण वहां संवेदना महसूस नहीं हो पाती और वह अंग सुन्न हो जाता है.
जब उस अंग पर से दबाव हट जाता है तब रक्त और आक्सीजन का संचरण नियमित हो जाता है और पुनः उस अंग में संवेदनशीलता लौट आती है.
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bahut badhiya upayogi janakari hai . dhanyawaad.
ReplyDeletesir meri wife ke sir main thodi si jagah sunn hai 3 dino se plese mujhe upay bataiye
ReplyDeletedhanyabad
shashikant sharma
9718714336