Tuesday, April 29, 2008

ऐसे पाएं गर्मी से निजात



भले ही गर्मी अपने चरमोत्कर्ष पर है,पर ऐसे में घर पर भी तो बैठा नहीं जा सकता।नौकरी,कैरिअर, सामाजिकसम्पर्क आदि कायम रखने बाहर तो निकलना ही पड़ता है। गर्मी से सुरक्षित रहते हुए बाहर आने-जाने के बारे में सुझाव प्रस्तुत है:-

  • गर्मी के रोगों से बचने के लिए प्रतिदिन सुबह मुंह धोने के बाद एक गिलास नींबू पानी पी लें।चेहरेकी चमक बनी रहे इसके लिए दिन भर में १०-१५ गिलास पानी जरुर पियें.शरीर में पानी की कमी बिल्कुल न होने दें.
  • इस ऋतु के फल शरीर के लिए वरदान हैं।दूध,आम व सेब का रस अतिरिक्त लाभ पहुँचाता है.जलजिरा,कच्चे आम का पना व रस,प्याज,मट्ठा व दही शीतलता देने के साथ-साथ लू से भी बचाते हैं.
  • नशीले पदार्थ गर्मी को और अधिक बढाते हैं।सिगरेट,शराब,चाय,काफी,मसालेदार तली-भुनी चीजों की जगह हरी सब्जियां व फलों पर अधिक ध्यान दें.
  • सप्ताह में एक बार मालिश अवश्य करें।जैतून या नारियल के तेल का प्रयोग करें,इससे शरीर लचीला व कोमल बना रहेगा.सुबह जल्दी ही ठंडे पानी से नहाये और शाम को भी नहाये,इससे शरीर में चुस्ती बनी रहेगी.
  • गहरा मेकअप इन दिनों बिल्कुल न करें।एक तो पसीने से यह आपके सौंदर्य को बढ़ाने की अपेक्षाकम कर देगा,दूसरा इससे गर्मी अधिक लगेगी.बिल्कुल हल्का मेकअप सौंदर्य को निखारेगा.
  • ठंड से गरम व गरम से एकदम ठंडे वातावरण मे न जायें,इससे लू लगने की सम्भावना बढ़ जाती है।बाहर निकलते समय शरीर को ढककर निकलें व नंगे पैर बिल्कुल न निकलें.
  • सूरज की तेज रोशनी सीधे आंखों को प्रभावित करती है.आंखों के बचाव के लिए जब भी धुप में निकलें चश्मा अवश्य लगाएं.

Sunday, April 27, 2008

औषधीय गुणों से भरपूर है बर्फ

गर्मियों में ठंडी-ठंडी बर्फ विशेष रूप से अच्छी लगती है,क्योंकि इससे शीतलता व तृप्ति प्राप्त होती है।बर्फ को खाने -पीने के लिए ही नहीं वरन औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है.चिकित्सा के रूप में बर्फ अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हुई है.
प्रस्तुत है बर्फ के द्वारा घरेलू उपचार करने के कुछ तरीके:-
  • शरीर के किसी भाग से खून बह रहा हो तो उस स्थान पर बर्फ लगाने से खून आना बंद हो जाता है।
  • हाथ या पैर में मोच आ गई हो तो बर्फ का टुकडा १० मिनट तक रगड़ने से सूजन नहीं आती।
  • लू लगने की स्थिति में बर्फ के टुकड़े हाथ-पैरों पर मलने से काफी आराम मिलता है।
  • अधिक गर्मी की वजह से कई बार नाक से खून बहने लगता है,इसके लिए बर्फ का छोटा टुकडासूंघने से खून आना बंद हो जाता है।
  • प्रतिदिन चेहरे पर बर्फ रगड़ने से झुर्रियां नहीं पडती और चेहरा खिला-खिला रहता है।
  • गर्मी के मौसम में अधिक खा लेने पर आइसक्रीम या बर्फ खा ली जाय तो खाना जल्दी पच जाता है।
  • तेज बुखार होने पर माथे पर बर्फ के पानी की पट्टी रखने से और शरीर पर बर्फ मलने से बुखार शीघ्रउतरने लगता है।
  • भूख न लग रही हो तो खाना खाने के आधा घंटा पहले बर्फ का पानी पियें,इससे भूख बढ़ती है।
  • पेट में जलन,उलटी,दस्त आदि में बर्फ का पानी पीने या पेट पर बर्फ रगड़ने से जलन आदि में राहत मिलती है.

Saturday, April 26, 2008

...और थकान हो जाए छू मंतर

रोजमर्रा की भाग-दौड़ भरी जिन्दगी से व्यक्ति को जैसे ही फुर्सत मिलती है,वह तुरंत लेटने व आराम करने की सोचता है,लेकिन थकान फ़िर भी चढ़ी रहती है तथा शरीर में भारीपन आ जाता है।इसके अलावा भावनात्मक व मनोवैज्ञानिक समस्याओं से उपजा तनाव भी शरीर को बुरी तरह थका देता है।तनाव में शरीर के अन्दर'लड़ो या मरो' की स्थिति से निपटने में उर्जा खर्च होती है. यदि तनाव की स्थिति दीर्घकाल तक बनी रहे तो उर्जा का अत्यधिक ह्रास होता है और थकान बढ़ती ही जाती है.
थकान पर विजय कैसे?
यदि कार्य को सुव्यवस्थित एवं सुनियोजित ढंग से किया जाए,तो अनावश्यक तनाव एवं थकान से बचा जा सकता है।रूचिकर कार्य करने से भी थकान महसूस नही होती और एक साथ देर तक कार्य किया जा सकता है.अतः थकान से बचने के लिए कार्य में रुचि का समावेश आवश्यक है.
अल्पकालीन विश्राम के अलावा पूर्ण विश्राम का अचूक उपाय है नींद,जो थके-हरे व्यक्ति के लिए टॉनिक का काम करती है।कम नींद लेने से सुस्ती आती है,जो आपको चिडचिडा बना देती है व काम में मन नही लगता है.
शरीर में स्फूर्ति लाने व मन को प्रशन्न करने के लिए खुली जगह में व्यायाम करें ताकि शुद्ध हवा व खुले प्राकृतिक वातावरण से आलस्य व थकान दूर हो।ऐसा करने से रक्त में 'अंदाफिंस' की मात्रा बढ़ती है.
थकान दूर करने के लिए आवश्यक है आप तनावमुक्त रहें,चूकि तनाव जहाँ दिमाग को कमजोर करता है,वहीं शरीर की शक्ति को घटाकर थकावट पैदा करता है।
कार्य की एकरसता भी थकान का कारण बनती है।ऐसे में कार्य में परिवर्तन करने से थकान दूर हो जाती है.
भोजन में फल व हरी सब्जियां अधिक मात्रा में लें।मांस,अंडे व अल्कोहल का सेवन न करें.यथासंभव विटामिन'बी',मैग्नीशियम,पोटेशियम और लौह खनिज युक्त भोजन करें.
आहार नियत समय पर उचित मात्रा में ही लें अन्यथा पाचन तन्त्र पर बोझ डालने से वह थकन को बढाता ही है।
थकान को मामूली समझकर नजर अंदाज न करें क्योंकि प्रायः आराम और नींद के बाद भी तन-मन में हल्कापन वताजगी यदि आप महसूस नहीं कर रहें हैं तो सतर्क हो जाइये,क्योकि यह किसी रोग जैसे अनीमिया,थैरोइड ,मधुमेह,टी.बी. या अन्य किसी गम्भीर रोग के लक्षण हो सकते है.
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