सामान्यतः गेहूं का आटा छानने के बाद जो चोकर निकलता है,उसे व्यर्थ समझकर फेंक दिया जाता है,जबकि चोकर व्यर्थ नहीं बल्कि पौष्टिक तत्वों से भरपूर होने के कारण प्रयोग करने योग्य होता है.कब्ज दूर करने,पाचन शक्ति ठीक रखने और नेत्रज्योति बढ़ाने के लिए चोकर का सेवन करना अत्यन्त लाभदायक होता है. चोकर के प्रयोग से बिना दवाइयों के ही अनेक व्याधियों से छुटकारा पाया जा सकता है.
गेहूं के चोकर के विविध प्रयोग:-
- चोकर की रोटी :-गेहूं के प्रति किलो आटे में १०० ग्राम चोकर मिला लें और इस आटे की रोटी बनाकर खाएं. इससे अपच,कब्ज और उदर विकारों से छुटकारा मिलता है.
- चोकर का दलिया :-चोकर को शुद्ध घी में भूनकर रख लें.आवश्यक मात्रा में चोकर लेकर पानी में डालकर उबालें.मीठा बनाने के लिए उबलते समय उचित मात्रा में गुड मसलकर डाल दें और नीचे उतारकर घोलते हुए चिरोंजी, किशमिश, कटे हुए छुहारे डाल दें. अति स्वादिष्ट ,सुपाच्य, लाभकारी और साथ ही पौष्टिक चोकर का दलिया तैयार है.
- चोकर की चाय :- ५ कप पानी में २५ ग्राम चोकर लेकर तुलसी के १०-११ पत्ते और मुनक्का के १०-११ दाने डालकर अच्छी तरह से उबालें.मीठा करने के लिए इसमें शक्कर डाल दें.यह चाय भूख मारने और नींद उडाने वाली नहीं बल्कि शारीरिक विकारों को दूर कर विटामिन बी प्रदान कर शरीर को स्फूर्ति व शक्ति देने वाली है.
- चोकर का उबटन :- जितना चोकर लें उससे दुगुने पानी में चोकर को भिगोकर एक घंटे तक रखा रहने दें.स्नान से पहले इस चोकर को पूरे शरीर पर लगाकर खूब मसलें और स्नान कर लें.आपकी त्वचा रेशम सी चिकनी,चमकदार और मुलायम हो जायेगी.
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