-मां का दूध सुपाच्य होता है जिससे यह शिशु को पेट सम्बन्धी गड़बड़ियों से बचाती है.-शोधों से सिद्ध हुआ है कि लम्बे तक स्तनपान करने वाले बच्चे बाद के जीवन में उतने ही अधिक समय तक मोटापे से बचे रह सकते हैं.
- -स्तनपान शिशु की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक होता है।
- -स्तनपान से दमा और कान सम्बन्धी बीमारियाँ नियंत्रित रहती है,क्योंकि मां का दूध शिशु की नाक और गले में प्रतिरोधी त्वचा बना देता है।
- -स्तनपान से जीवन के बाद के चरणों में उदर व श्वसन तंत्र के रोग,रक्त कैंसर, डाईबितिज तथा उच्च रक्तचाप का खतरा कम हो जाता है।
- -स्तनपान से शिशु की बौद्धिक क्षमता भी बढ़ती है क्योंकि स्तनपान करानेवाली मां और उसके शिशु के बीच भावनात्मक रिश्ता प्रगाढ़ होता है।
- -स्तनपान कराने वाली माताओं को स्तन या गर्भाशय के कैंसर का खतरा कम होता है।
-माँ के दूध में मिलने वाले तत्व मेटाबोलिज्म बेहतर करते है.-प्रेगनेंसी (Pregnency ) के समय या स्तनपान के दौरान माँ का जो भी खान-पान रहता है वह बाद में बच्चे के लिए भी पसंदीदा बन जाता है.-माँ के दूध में पाए जाने वाले डी.एच.ए.(D.H.A.) व ए.ए.(A.A.) फैटी एसिड मस्तिस्क की कोशिकाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.-स्तनपान से बच्चे का आई. क्यू. अच्छी तरह विकसित होता है.
" संसार में स्वास्थ्य से बढकर कुछ भी नहीं. कहा भी गया है - 'प्रथम सुख निरोगी काया '. जब हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होंगे तभी संसार के किसी भी सुख का आनन्द ले सकेंगे और इसके लिए आवश्यक है अपने स्वाथ्य की रक्षा करना, और फिर बीमार पड़कर इलाज कराने से बेहतर यही है की बीमार पड़ने से बचने के प्रयास किये जाये. इस ब्लॉग में स्वास्थ्य सम्बन्धी विभिन्न विषयों पर बहुमूल्य जानकारी दी गई है जो आपके स्वास्थ्य की देखभाल करने में काफी मददगार साबित होगी." " सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया:"
Sunday, May 23, 2010
स्तनपान:- फायदे अनेक
Subscribe to:
Posts (Atom)