कब्ज के मुख्य कारण:-
- कम रेशायुक्त आहार लेना.
- शरीर में पानी की कमी.
- शारीरिक श्रम की कमी.
- बड़ी आंत में घाव या चोट.
- मोटापा.
- तनाव.
- अनियमित दिनचर्या.
- पोटेशियम और कैलेशियम की कम मात्रा.
- मधुमेह के रोगियों में पाचन संबंधी समस्या .
- अधिक से अधिक रेशायुक्त आहार का सेवन करना.
- ताजे फल व सब्जियों का अधिक सेवन करना.
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना.
- नियमित व्यायाम, योगासन व सुबह कुछ देर टहलने की आदत डालना.
- गरिष्ठ, बासी व बाजारी खाद्य पदार्थों का सेवन नही करना.
- नियमित दिनचर्या रखना.
- उचित आहार-विहार रखना.
- २ चम्मच ईसबगोल 6 घंटे पानी में भिगोकर इतनी ही मिश्री मिलाकर पानी के साथ लेने से कब्ज से राहत मिलती है . केवल मिश्री और ईसबगोल मिला कर बिना भिगोये भी ले सकते हैं।
- सोते समय आधा चम्मच पिसी हुई सौंफ की फंकी गर्म पानी से लेने से कब्ज दूर होती है।
- त्रिफला चूर्ण चार ग्राम (एक चम्मच भर), २०० ग्राम हल्के गर्म दूध अथवा गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज दूर होता है।
- दो संतरों का रस खाली पेट प्रातः ८-10 दिन पीने से पुराना से पुराना अथवा बिगड़ा हुआ कैसा भी कब्ज हो, ठीक हो जाता है।
- अगर कब्ज के कारण पेट में बहुत तेज दर्द है, तो एक गिलास गर्म दूध में दो चम्मच कैस्टर ऑयल डालकर पीने से तुरंत आराम मिलता है .
- रात को किशमिश या अंजीर पानी में भिगोकर रख दें और उसे अगले दिन प्रातः इन्हें खाली पेट खाने से भी कब्ज दूर होता है.
- रात्रि को सोने से पहले एक चम्मच शुद्ध शहद एक गिलास ताजे पानी के साथ मिलाकर नियमित रूप से पीने से कब्ज दूर होता है ।
- प्रातःकाल बिना कुछ खाए चार दाने काजू, 5 दाने मनुक्का के साथ खाने से भी कब्ज में लाभ होता है।
- पका हुआ बिल्व (बेल) फ़ल कब्ज के लिये श्रेष्ठ औषधि है। इसे पानी में उबालें। फ़िर मसलकर रस निकालकर नित्य ७ दिन तक पीने से फायदा होता है.
- अमरूद और पपीता ये दोनो फ़ल कब्ज रोगी के लिये अमॄत समान है। इन फ़लों में पर्याप्त रेशा होता है और आंतों को शक्ति देते हैं। मल आसानी से निष्कासित होता है।इनका सेवन अवश्य करना चाहिए.
- नींबू कब्ज में गुणकारी है। गुनगुने गरम जल में एक नींबू निचोडकर दिन में २-३बार पियें।लाभ होता है ।
- हर रोज 1-2 गिलास जूस सहित कम से कम 8 गिलास पानी जरूर पियें। अपने भोजन में अनाज, ताजी-रेशेदार फल व हरी सब्जियों का सेवन अधिक करें.प्रतिदिन योग- व्यायाम करें – सुबह-शाम टहलना व्यायाम की अच्छी शैली है। व्यायाम एवं अच्छी शारीरिक स्थिति पेट साफ रखने में सहायता करती है।