एक स्वस्थ व्यस्क का रक्तचाप 100/60 से 140/90mmhg के बीच होता है। यदि लगातार दो बार जांच से यह 140/90 mmhg से अधिक हो, तो उच्च रक्तचाप या हाइपर टेंशन की स्थिति बनती है। यह हृदय और रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों पर जोर डालता है और कोरोनरी आर्टरी डिसीस या कोरोनरी हृदय रोग के कारण बनते हैं।
" संसार में स्वास्थ्य से बढकर कुछ भी नहीं. कहा भी गया है - 'प्रथम सुख निरोगी काया '. जब हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होंगे तभी संसार के किसी भी सुख का आनन्द ले सकेंगे और इसके लिए आवश्यक है अपने स्वाथ्य की रक्षा करना, और फिर बीमार पड़कर इलाज कराने से बेहतर यही है की बीमार पड़ने से बचने के प्रयास किये जाये. इस ब्लॉग में स्वास्थ्य सम्बन्धी विभिन्न विषयों पर बहुमूल्य जानकारी दी गई है जो आपके स्वास्थ्य की देखभाल करने में काफी मददगार साबित होगी." " सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया:"
Sunday, January 19, 2014
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