Wednesday, February 18, 2015

स्वाइन फ्लू : घबराएं नहीं, सावधान रहें


स्वाइन फ्लू : घबराएं नहीं, सावधान रहें

स्वाइन फ्लू के लक्षण - 

-- नाक का लगातार बहना, छींक आना, नाक जाम होना।
-- मांसपेशियों में दर्द या अकड़न होना।
-- सिर में भयानक दर्द।
-- कफ और कोल्ड, लगातार खांसी।
-- उनींदे रहना, अधिक थकान होना।
-- बुखार होना, दवा खाने के बाद भी बुखार का लगातार बढ़ना।
-- गले में खराश लगातार बढ़ना।

क्या करें -

-- लक्षण दिखे तो जांच कराएं।
-- डायबीटीज व इम्यूनिटी कम है, तो ज्यादा सावधानी रखें।
-- गर्भवती महिलाएं भीड़भाड़ वाली जैसी जगह जैसे सिनेमाहाल, बाजार या सामाजिक कार्यक्रमों में जाने से बचें।
--स्कूली बच्चे खांसी होने पर क्लास में दूरी बनाए रखें। जानकारी टीचर को दें।
-- ट्रेन में यात्रा करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें।

ये सावधानी बरतें -

-- भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें, कोई छींक रहा हो तो दूर रहें।
-- हाथों को साबुन या हैंड वाश से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं।
-- ऐसे व्यक्ति से जिसमें स्वाइन फ्लू जैसे लक्षण हों, दूरी बनाकर रखें।
-- लोगों से मिलने पर हाथ मिलाने, गले मिलने या चूमने से बचें।
-- खांसने-छींकने के लिए टिश्यू पेपर या साफ तौलिया इस्तेमाल करें।
-- ताजा भोजन करें।
-- शुरूआती लक्षण पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
-- डाक्टरों की सलाह के बिना कोई भी दवाएं न खाएं।

इन्हें सावधान रहने की अधिक जरूरत -

-- 5 साल से कम उम्र के बच्चे, 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग व गर्भवती महिलाएं।
-- ये बीमारी वाले रहे अतिरिक्त सावधान
- फेफड़ों, किडनी या दिल की बीमारी।
- मस्तिष्क संबंधी
- कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग।
- मधुमेह।
- ऐसे लोग जिन्हें पिछले 3 साल में कभी भी अस्थमा की शिकायत रही हो।

आयुर्वेदिक इलाज -

-- 4-5 तुलसी के पत्ते, 5 ग्राम अदरक, चुटकी भर काली मिर्च पाउडर और इतनी ही हल्दी को एक कप पानी या चाय में उबालकर दिन में दो-तीन बार पिएं।
-- गिलोय (अमृता) बेल की डंडी को पानी में उबाल या छानकर पिएं।
-- आधा चम्मच हल्दी पौन गिलास दूध में उबालकर पिएं।

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